Central Institute of Fisheries Nautical and Engineering Training

DEPARTMENT OF FISHERIES | मत्स्य पालन विभाग
केंद्रीय मत्स्य नौचालन एवं इंजीनियरी प्रशिक्षण संस्थान (सिफनेट)



सहयोग

सिफनेट के मुख्य सहयोगी संस्थानों का ब्योरा निम्नलिखित है:-

समुद्री वाणिज्य विभाग (एम एम डी)

समुद्री वाणिज्य विभाग, महानिदेशक, जहाजरानी, मुंबई के अधीनस्थ सबसे प्रमुख तकनीकी सहयोगी संगठन है।  सिफनेट के सभी मत्स्यग्रहण प्रशिक्षण जलयान, सिफनेट के संबंधित केंद्रों के नाम पर एम.एम.डी के अधीन पंजीकृत है।  जीवन रक्षा उपस्करों एवं अग्निशामक उपस्करों के वार्षिक निरीक्षण करने तथा आवश्यक निरीक्षण प्रमाण पत्र प्रदान करने में एम.एम.डी सभी सहायता प्रदान कर रहा है।  एम.एम.डी सर्वेक्षकों के पर्यवेक्षण में सिफनेट के सभी प्रशिक्षण जलयानों का छमाही शुष्क गोदीकरण, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में किया जाता है।  सिफनेट से उतीर्ण छात्र व प्रशिक्षणार्थी गण, आवश्यक समुद्री सेवा प्राप्त करने के पश्चात् डेक और इंजन साइड् के विभिन्न स्तर के सक्षमता प्रमाण पत्र प्राप्त करने केलिए एम.एम.डी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाएं लिखते हैं।

कोच्चिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी (कुसाट)

शैक्षिक और तकनीकी गतिविधियों में सिफनेट और कुसाट का गहरा संबंध है।  सिफनेट का चार वर्षीय बी.एफ.एस.सी (एन एस) (आठ सत्र का) पाठ्यक्रम कुसाट से संबद्ध है और स्नातक की उपाधि कुसाट द्वारा प्रदान की जाती है। सिफनेट के अंतिम वर्ष के बी.एफ.एस.सी (एन एस) छात्र अपनी परियोजना से जुडे कार्यों की पूर्ति केलिए कुसाट के अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का लाभ उठाते हैं। कुसाट के एम.एस.सी औद्योगिक मात्स्यिकी और एम.एस.सी समुद्री जैविकी छात्र इस विभाग के मत्स्यग्रहण प्रशिक्षण जलयान एम.वी प्रशिक्षणी के पटल पर प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं तथा समुद्री सेवा हासिल करते हैं। एम.एस.सी औद्योगिक मात्स्यिकी छात्र सिफनेट में सीमैनशिप और नौचालन का अध्ययन करते हैं।  कुसाट के संकाय सदस्य सिफनेट के विभिन्न शैक्षिक कार्यों से जुडे हैं।

केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान (सिफ्ट)

विभिन्न तकनीकी और वैज्ञानिकी क्षेत्रों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थान, सिफ्ट के साथ सिफनेट का गहरा संबंध है। कई तकनीकी समितियों में विशेषज्ञ सदस्यों के रूप में सिफनेट तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है।  अध्ययन के अंतिम वर्ष के परियोजना कार्यों की पूर्ति केलिए सिफनेट के बी.एफ.एस.सी (एन एस) छात्र, सिफ्ट के अत्याधुनिक प्रयोगशाला की सुविधाओं का लाभ उठाते हैं। सिफनेट के संकाय सदस्य सिफ्ट में,  नियमित रूप से विभिन्न विषयों में पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों में उपस्थित होते हैं। सिफ्ट में नियुक्त किए गए युवा वैज्ञानिकों को प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने केलिए सिफनेट की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सी.एस.एल)

कई वर्षों से कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ सिफनेट का गहरा रिश्ता है। इस संस्थान के मत्स्यग्रहण प्रशिक्षण जलयानों का शुष्क गोदीकरण मरम्मत कार्य नियमित रूप से कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में करवाए जाते हैं। इस मामले में सिफनेट और सी.एस.एल के बीच एक समझौता ज्ञापन बनाने का कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।  इस संस्थान के मत्स्यग्रहण प्रशिक्षण जलयानों के सभी मरम्मत और अनुरक्षण कार्य समय पर पूरा करने में सी.एस.एल ने सदा सहयोग और समर्थन प्रदान किया है।

समुद्री जैव संसाधन और परिस्थिति विज्ञान केंद्र (सी.एम.एल.आर.ई)

साझी संगठनों की भलाई केलिए वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यों को बांटने में सिफनेट और सी.एम.एल.आर.ई का गहरा संबंध रहा है।  सिफनेट ने नए आनायक जाल के निर्माण में तथा अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी अभियानों में सागर संपदा के पटल पर प्रयुक्त पुराने आनायक जालों के मरम्मत में सभी सहायता और सहयोग प्रदान किया है।

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एम.पी.ई.डी.ए)

सिफनेट ने विभिन्न तकनीकी समितियों में विशेषज्ञ सदस्यों के रूप में अपने संकाय सदस्यों को प्रतिनियुक्त करते हुए तथा आवश्यकतानुसार सेवाएँ प्रदान करते हुए एम.पी.ई.डी.ए को सदा तकनीकी सहयोग दिया है।

केंद्रीय मात्स्यिकी पश्च पैदावार प्रौद्योगिकी एवं प्रशिक्षण संस्थान (निफाट)

सिफनेट और निफाट मत्स्यपालन, पशुपलन और डेयरी मंत्रालय के अधीनस्थ दो सहयोगी संस्थाएँ हैं। ये दोनों संस्थान तकनीकी और प्रशिक्षण गतिविधियों में आपस में संबद्ध हैं।  सिफनेट के मत्स्यग्रहण प्रशिक्षण जलयानों के मत्स्य पकड को विभिन्न संस्करण और प्रशिक्षण कार्यों केलिए निफाट को सौंप दिया जाता है।  निफाट के तकनीकी कर्मचारी साशिमी ट्यूणा के स्वास्थ्यकर रखरखाव में प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करते हैं।

केरल राज्य मात्स्यिकी विभाग

तकनीकी और प्रशिक्षण के मामलों में सिफनेट और केरल राज्य मात्स्यिकी विभाग के बीच गहरा संबंध रहा है।  राज्य मात्स्यिकी विभाग द्वारा प्रायोजित केरल के मछुवारों को समुद्री सुरक्षा, सीमैनशिप, इलेक्ट्रॉनिकी उपस्करों के प्रयोग आदि विषयों पर सिफनेट द्वारा विभिन्न अल्पावधिक पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं।  सिफनेट के संकाय सदस्य मत्स्यफेड के विभिन्न तकनीकी समितियों में विशेषज्ञ समिति सदस्य के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं।

राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान

विभिन्न शैक्षिक और वैज्ञानिक मामलों में राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान और सिफनेट ने आपसी संबंध बनाए हैं।  शोध छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन केलिए सिफनेट के संकाय सदस्यों ने डॉक्टरल समिति सदस्य के रूप में कार्य किए हैं।

राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड

राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, जो मंत्रालय के अधीनस्थ एक शीर्षस्थ निकाय है,  नील क्रांति कार्यक्रम के तहत, साशिमी ग्रेड ट्यूणा के स्वास्थ्यकर रखरखाव में जलयान के पटल पर प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए तमिलनाडु के मछुवारों को प्रायोजित कर रहा है।

भारतीय मात्स्यिकी सर्वेक्षण संगठन (एफ.एस.आइ)

सिफनेट और भारतीय मात्स्यिकी सर्वेक्षण संगठन एक ही मंत्रालय के अधीनस्थ सहयोगी संगठन हैं।  दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य तथा वैज्ञानिक आपस में, दोनों संस्थानों के विभिन्न वैज्ञानिक समितियों में विशेषज्ञ सदस्यों के रूप में सेवा कर रहे हैं।

भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आइ.एम.यू)

भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र अपनी पाठ्यचर्या के तौर पर सिफनेट की अत्याधुनिक नौचालन सिमुलेशन प्रयोगशाला की सुविधाओँ से लाभांवित होते हैं।  सिफनेट के संकाय सदस्य भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय की विभिन्न तकनीकी समितियों में विशेषज्ञ की भूमिका अदा करते हैं।