Central Institute of Fisheries Nautical and Engineering Training

DEPARTMENT OF FISHERIES | मत्स्य पालन विभाग
केंद्रीय मत्स्य नौचालन एवं इंजीनियरी प्रशिक्षण संस्थान (सिफनेट)



नियमित कक्षाएँ

बैचलर ऑफ फिषरी साइंस (नॉटिकल साइंस) पाठ्यक्रम (बी एफ एस सी (एन एस)

सिफनेट, कोच्‍ची द्वारा आरंभ किया गया चार वर्षीय (8 सत्र ) बैचलर ऑफ फिशरीस साइन्‍स (नॉटिकल साइंस) स्‍नातक पाठ्यक्रम मुख्‍यतया मत्‍स्‍य ग्रहण प्रविधियॉं, मत्‍स्‍य जैविकी तथा मत्‍स्‍य संसाधन, नौचालन विज्ञान तथा मत्‍स्‍यग्रहण जलयानों के प्रचालन पर केंद्रित है । इसकी सर्वसमवेशी पाठ्यचर्या मत्‍स्‍यग्रहण तथा नौचालन विज्ञान के विभिन्‍न पहलुओं पर गहन प्रायोगिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्‍य से तैयार की गई है।  यह स्‍नातक पाठ्यक्रम कोच्‍चीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइन्‍स एन्‍ड टेक्‍नॉलजी, कोच्‍ची से संबद्ध है। आने वाले दिनों में इसे आवासीय पाठ्यक्रम में परिवर्तित किया जाएगा।  इसमें प्रवेश की अर्हता भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान अथवा भौतिक, रसायन और गणित युक्त 10+2 के सभी विषयों में कम से कम 50% अंक है, और इसमें उम्मीदवारों का चयन अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा द्वारा किया जाएगा।

यह चार वर्षीय कार्यक्रम मत्‍स्‍यन क्षेत्र में विशेषज्ञों की एक नई पीढी का सृजन करेगा, जो मत्‍स्‍यग्रहण जलयानों के प्रचालन तथा इससे जुडे अनुसंधान एवं शैक्षिक जगत के किसी भी चुनौतियों का, आत्‍मविश्‍वास के साथ सामना कर पाएगी

यह स्नातक उपाधि प्राप्त उम्मीदवार, आवश्यक समुद्री सेवा और बुनियादी प्रमापीय पाठ्यक्रम पूरा करने पर बिना अन्य किसी लिखित परीक्षाओं और स्नातकोत्तर समुद्री पाठ्यक्रमों के ही, मेट फिशिंग वेसल की मौखिक परीक्षा दे सकते हैं, जिससे वे मत्स्यन जलयान के मेट की सक्षमता प्रमाण पत्र पा सकते हैं।

इसकी पाठ्यचर्या में मात्स्यिकी, मत्स्यन प्रचालन के विभिन्न तरीके, मत्स्यग्रहण जलयान के निर्माण, सीमांशिप और नौचालन,  इंजन तथा जलयान के पटल के अन्य मशीनों का अध्ययन, मत्यग्रहण जलयानों के अनुरक्षण, समुद्रविज्ञान, समुद्रीमौसम विज्ञान, मत्स्य पैदावार, मत्स्य संसाधन, पश्च पैदावार प्रौद्योगिकी, मत्स्यन के अर्थशास्त्र तथा अन्य सिद्धांतों का समग्र अध्ययन समाहित है।

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वेसल नाविगेटर पाठ्यक्रम (वी एन सी) और मरीन फिटर पाठ्यक्रम (एम एफ सी)

वेसल नाविगेटर पाठ्यक्रम (वी एन सी) और मरीन फिटर पाठ्यक्रम (एम एफ सी) महानिदेशक रोज़गार एवं प्रशिक्षण, श्रम मंत्रालय, नई दिल्ली के कारगर प्रशिक्षण योजना के अधीन राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एन सी वी टी) द्वारा शुरू किए गए दो  शिल्प पाठ्यक्रम हैं। इन पाठ्यक्रमों का लक्ष्य समुद्री क्षेत्र के मत्स्यग्रहण जलयनों के डेक एवं इंजन केलिए प्रायोगिक ज्ञान वाले कारीगर प्रदान करते हुए आवश्यक मानवशक्ति की पूर्ति करना है।  इन पाठ्यक्रमों की अवधि दो वर्ष है। 

इसमें प्रवेश की अर्हता गणित और विज्ञान में 40% के साथ दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करना है।  सिफनेट द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के ज़रिए इनमें उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। आयु सीमा : 15-20 वर्ष तक होगी।  भारत सरकार द्वारा प्रति माह रु 1500/- वृत्तिका भी दी जाएगी।

ये पाठ्यक्रम भारत में पहली बार सिफनेट में शुरू की गई थी।  ये आवासीय पाठ्यक्रम हैं।

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ये पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करनेवाले उम्मीदवार नैचालन और समुद्री इंजीनियरी जैसे विशिष्ट विषयों में शैक्षिक और प्रायोगिक  अनुभव प्राप्त करेंगे ताकि वे तटीय संगठनों मत्स्यग्रहण जलयानों, समुद्री यानों आदि में रोज़गार पा सके।